Zehrili Hawa

Rahul Verma Author
Hardbound
Hindi
9788181432308
116
If You are Pathak Manch Member ?

ज़हरीली हवा -
नाटक है तो 1984 की यूनियन कार्बाइड की गैस त्रासदी के बारे में लेकिन इसके अन्दर विषय की बहुत-सी परतें दबी हुई हैं। सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण बात ये है कि हम अपने उद्योग की उन्नति और विकास के चक्कर में भूमण्डलीकरण और बहुराष्ट्रीयता के शिकार हो जाते हैं। इसी का नतीजा वो त्रासदी है जिसकी केमिकल इंडस्ट्री के इतिहास में कोई मिसाल नहीं मिलती।
बहुराष्ट्रीय व्यापारियों का उद्देश्य केवल ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाना है, चुनांचः वे तीसरी दुनिया के मुल्कों में विकास के नाम पर अपना घटिया माल पटक देते हैं और नतीजे में विकास तो दूर रहा, इन मुल्कों की जनता की दीनता कुछ और बढ़ जाती है। 'ज़हरीली हवा' में हिन्दुस्तान की आर्थिक, राजनैतिक पॉलिसी पर कम और विदेशी ताक़तों पर हमला ज़्यादा है, और ये मुनासिब भी है इसलिए कि भोपाल के लोग जो यूनियन कार्बाइड की बेहिसी का खमियाज़ा अभी तक भुगत रहे हैं, उनके लिए अमरीका के वारेन एंडरसन के प्रति इंसाफ़ तलब करना और उन हज़ारों गैस-पीड़ित लोगों के लिए मुआवज़ा माँगना ज़्यादा ज़रूरी है बनिस्बत इसके कि हम अपनी निंदा आप करने में लगे रहें।

हबीब तनवीर (Habib Tanvir)

show more details..

राहुल वर्मा (Rahul Verma)

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter