भाषा एवं भाषा शिक्षण - 3 : भारतवर्ष में, खासकर उत्तरी भारत में शिक्षकों के पढ़ने योग्य सामग्री बहुत कम है, विशेषकर हिन्दी में । भाषा और भाषा सीखने-सिखाने के क्षेत्र में तो इस तरह की सामग्री सचमुच बहुत ही सीमित है । इस शृंखला का प्रकाशन इस दिशा में एक छोटा-सा प्रयास है।
वर्ष 2014 में भाषा एवं भाषा शिक्षण खण्ड-1 का तथा वर्ष 2016 में खण्ड-2 का प्रकाशन हुआ जिसका देशभर में स्वागत हुआ। शृंखला को आगे बढ़ाते हुए भाषा एवं भाषा शिक्षण खण्ड-3 आपके समक्ष प्रस्तुत है। हम उम्मीद करते हैं इस कड़ी में नये-नये खण्ड अब जुड़ते ही जायेंगे और भारतीय शिक्षकों के पास भाषा के क्षेत्र में पढ़ने-लिखने के लिए सामग्री का भण्डार समृद्ध होता चला जायेगा ।
भाषा एवं भाषा शिक्षण खण्ड-3 का यह अंक 'लेंग्वेज एंड लेंग्वेज टीचिंग' पत्रिका (विद्या भवन सोसायटी, उदयपुर व अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, बेंगलूरु द्वारा प्रकाशित) के तीन अंकों : अंक 7-8-9 से चुनी गयी सामग्री पर आधारित है । इस पत्रिका में प्रकाशित सामग्री का सम्बन्ध किसी विशेष भाषा जैसे - अंग्रेज़ी या हिन्दी से नहीं होता। यह पत्रिका भाषा सीखने-सिखाने के मुद्दों से जुड़ी है और ये मुद्दे किसी भाषा विशेष के न होकर किसी भी भाषा के हो सकते हैं। पत्रिका उन बातों को बहुत ही सरल शब्दों में शिक्षकों के सामने प्रस्तुत करती है जो एक तरफ़ तो आधुनिक शोध से जुड़ी हैं एवं दूसरी ओर कक्षा में होने वाली भाषा शिक्षण की प्रक्रियाओं से
भाषा एवं भाषा शिक्षण खण्ड-8 में भी आपको इन्हीं बातों की झलक मिलेगी । पुस्तक के सम्पादक रमा कान्त अग्निहोत्री एवं अमृत लाल खन्ना हैं जो जाने-माने भाषाविद् हैं व बच्चों के भाषा सीखने की प्रक्रिया एवं भाषा शिक्षण में विशेष रुचि रखते हैं। ये दोनों 'लेंग्वेज एंड लेंग्वेज टीचिंग' पत्रिका के भी मुख्य सम्पादक हैं।
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