Raag Makkari Ath Campus Katha

Paperback
Hindi
9789355183194
1st
2022
227
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उपन्यास की कथा एक ऐसे पात्र के जीवन के झंझावातों को सामने लाती है जो गाँव-जवार से बड़ा-सा ख़्वाब लेकर पढ़ने के लिए शहर की एक यूनिवर्सिटी में दाख़िला लेता है जहाँ क्लास की जगह कुचक्र हैं। जहाँ शब्दों में सन्धि और समास नहीं बताये जाते बल्कि विग्रह और विकलताओं को मुहावरे बनाकर फैला दिया जाता है।

ये कहानी किसी एक युवा की नहीं है बल्कि उन अनगिनत युवाओं की है जो टीवी मीडिया और अख़बारों की चकाचौंध व ग्लैमर से खिंचे चले आते हैं, उसमें करियर बनाना चाहते हैं लेकिन जब उन्हें इस दुनिया की वास्तविकता का पता चलता है तो उनकी अन्तरात्मा चकनाचूर हो उठती है। मीडिया महामानवों के नरम उजले चेहरों के पीछे की रेखाएँ उजागर कर देता है यह, उपन्यास। उपन्यास के रूप में युवा की स्वप्निल सुरमई आकांक्षा को पहचानने की और उसकी राहों में काँटे बो देने वाले कारकों की पड़ताल करती एक यथार्थपरक दास्तान । शिक्षा व्यवस्था पर गहराते घने अँधेरों के पार से उजालों की गठरी को उठा लाने की जद्दोजहद को बीनती क़िस्सागोई । दृश्य और ध्वनि के संयोजन ही नहीं उनके अन्तर्विरोधों की एडिटिंग और प्रेजेंटेशन का नाम है यह उपन्यास । यह उपन्यास शिक्षा व्यवस्था में बड़ी तेज़ी से उभर रहे भाई-भतीजावाद और चेलावाद की संस्कृति और उसकी वजह से पनपते हुए नये मठाधीशों की आत्मश्लाघा को दिखा डालता है। स्वघोषित विद्वानों की योग्यता का कालीन उठाकर संस्थानों में की जाने वाली युवा स्वप्नों की भ्रूण हत्या के गहरे षड्यन्त्रों का पर्दाफ़ाश कर देता है यह उपन्यास। इस उपन्यास की शैली व्यंग्यात्मक, व्यंजनात्मक और चुटीली है जिसकी कथा से होकर गुज़रना राग दरबारी की परम्परा को जीवन्त कर देता है।

केशव पटेल (Keshav Patel )

केशव पटेलकेशव पटेल देश के दिल यानी मध्य प्रदेश के निवासी हैं। प्रिंट और टीवी, दोनों माध्यमों में समान रूप से दख़ल रखते हैं। देश के आदिवासियों के स्वदेशी जीवन और साहित्य के साथ भारतीय पौराणिक स

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