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Wheelchair

Hardbound
Hindi
9789355187168
1st
2023
200
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ज्ञानप्रकाश विवेक इमेजिस के रचयिता हैं। दृश्यात्मकता उनकी रचनाओं की प्रमुख विशेषता है। अपने दीर्घ लेखकीय अनुभवों से उन्होंने अपना न सिर्फ़ मुहावरा क्रिएट किया है बल्कि कथा भाषा और शिल्प के स्तर पर भी वो बहुत सचेत रहे हैं। उनकी कहानियों और उपन्यासों में जो कथा भाषा जिस संवेदन लय का सृजन करती है, वही जीवन संघर्षों का राग बन जाती है। उनकी रचनाओं का माहौल इतना जीवन्त, प्रभावशाली होता है कि जैसे किसी फ़नकार का फ़न हो । जादूगर की जादूगरी !

पात्रों के मनोविज्ञान के ज़रिये, अन्तर्मन के जटिल भावबोध को महसूस करना, ज्ञानप्रकाश विवेक की औपन्यासिक ध्यान यात्रा है।

यही व्याकुलता की अभिव्यक्ति व्हीलचेयर उपन्यास में है। उपन्यास क्या है, असम्भव में सम्भव की तलाश ।

                सम्पूर्णता के संसार में एक अपूर्ण शख्स, व्हीलचेयर जैसी सवारी पर चला आया है, कष्ट की गठरी बगल में दवाये।

कमरे में अजीब-सा सन्नाटा है। जैसे कि कमरा, अपने टूटे हुए वाद्ययन्त्रों से ख़ामोशी का दुर्लभ संगीत पैदा कर रहा हो ।

व्हीलचेयर कभी शोकगीत जैसी लगती है, कभी कारूणिक चुटकले जैसी ।

ज़िन्दगी तमाशे का वो सन्दूक है जो सिर्फ़ उदासी की चाबी से खुलता है।

डॉ. तनेजा ने कहा है, 'डिफिकल्टीज़ पहले तंग करती हैं, फिर हम उनसे खेलने लगते हैं।'

गौर से सुनो! इस अकेलेपन में भी एक राग है, अपने-आपसे मुहब्बत करने का राग !

फर्श पर लुढ़का हुआ कप ऐसे पड़ा है जैसे पृथ्वी को अपनी आत्मकथा सुना रहा हो।

- इस उपन्यास से कुछ सतरें

ज्ञानप्रकाश विवेक (Gyanprakash Vivek)

ज्ञानप्रकाश विवेक जन्म : 30 जनवरी 1949 (बहादुरगढ़) तैंतीस वर्ष तक एक साधारण बीमा कम्पनी में नौकरी और सेवानिवृत्ति के बाद पूर्णकालिक लेखन ।प्रकाशित पुस्तकें उपन्यास गली नम्बर तेरह दिल्ली दरवाज़

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