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Jab Mein Na Rahoon

Hardbound
Hindi
NA
1st
1995
90
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₹65.00

जब मैं न रहूँ - हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेज़ी में समान रूप से लिखनेवाली प्रतिष्ठित कवि-कथाकार श्रीमती शीला गुजराल की कविताओं का यह चौदहवाँ कविता संग्रह है 'जब मैं न रहूँ'; हिन्दी में आठवाँ। उनके पिछले संग्रहों की कविताओं से इस संग्रह की कविताएँ कुछ भिन्न प्रकृति की हैं—शिल्प और अर्थ-विस्तार दोनों ही दृष्टियों से, और निस्सन्देह काव्य की सौन्दर्यश्री, प्रभूत कल्पना, भाव-सम्पदा और परिवेश की उपलब्धियों का समर्थ प्रतिनिधित्व करती हैं। 'जब मैं न रहूँ' की कविताओं में अतिवादों की वर्जना तो है ही, जीवन के सहज-स्वस्थ रूप का स्वीकार भी है। इन कविताओं में नवीन और प्राचीन भावना और विज्ञान अध्यात्म और भौतिकता तथा राजनीति और संस्कृति के बहुआयामी यथार्थ को कलात्मक अभिव्यक्ति मिली है। राग-विराग, हर्ष और अवसाद को पूरी हार्दिकता और सार्थकता के साथ शब्द देनेवाली इन कविताओं को पढ़ना काव्यप्रेमी पाठकों को निस्सन्देह आश्वस्त करेगा।

शीला गुजराल (Sheela Gujral )

शीला गुजराल - हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेज़ी में समान रूप से लिखनेवाली प्रतिष्ठित लेखिका एवं कवयित्री। शिक्षा: अर्थशास्त्र की प्राध्यापिका के रूप में कार्यक्षेत्र में पदार्पण, लेकिन तुरन्त ह

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