• Out Of Stock

Vigyaneshwari

Hardbound
Hindi
NA
1st
1991
158
If You are Pathak Manch Member ?

₹55.00

विज्ञानेश्वरी - साहित्य में विभिन्न विधाओं को पाठकों द्वारा पढ़ा व गुना जाता है। धीरे-धीरे वैज्ञानिक गल्प भी साहित्य की एक प्रतिष्ठित और साधारण लोगों द्वारा समझी जाने वाली विधा बनती जा रही है। वैज्ञानिक तथ्यों की कलात्मक माध्यम द्वारा प्रसार की प्रगति के प्रति उत्सुकता बढ़ाने में इस विधा का विशेष महत्व है। विशेष रूप से युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति जिज्ञासा, समझ-बूझ और जागरूकता बढ़ाने के लिए यह विधा अत्यन्त उपयोगी है। हिन्दी पाठकों को अन्य भारतीय भाषाओं के उत्कृष्ट वैज्ञानिक गल्प से परिचय कराने के उद्देश्य से भाषा निधि (उत्तर प्रदेश सरकार) की सहायता से भारतीय ज्ञानपीठ ने एक नयी वैज्ञानिक गल्प श्रृंखला प्रकाशित करने की योजना बनायी है जिसके अन्तर्गत 'विज्ञानेश्वरी' का प्रकाशन हुआ। यह पुस्तक पाठकों में विज्ञान के प्रति समझ को परिष्कृत करने के उद्देश्य को पूरा करती है।

डॉ. दत्ताप्रसाद दाभोलकर (Dr. Dattaprasad Dabholkar )

डॉ. दत्तप्रसाद दाभोलकर - जन्म 1943 में महाराष्ट्र के सातारा में। शिक्षा सातारा तथा बम्बई में। बम्बई विश्वविद्यालय से 1967 में रसायनशास्त्र में पीएच.डी. प्राप्त। 'रायल सोसाइटी ऑफ़ कैमिस्ट्री' तथा '

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter