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Aandhi Mein Yaatra

Hardbound
Hindi
978812631806
1st
2009
128
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₹120.00

आँधी में यात्रा - प्रख्यात कवि विजय किशोर मानव का रचना-स्वभाव ऐसा विद्रोही है कि वे लीकें तोड़ते हैं। पुराने नवगीत के पथ को छोड़कर इस बार वे नाटकीय भाव-बोध की मुक्तछन्द परक कविताएँ रचते हैं। इस वैचारिक गद्य की सत्ता से काव्यात्मकता निचोड़नेवाली इन कविताओं में कथ्यात्मक संवेदना की जटिलता ने नयी काव्य-भूमि की ओर पूरी ईमानदारी से अपनी उन्मुखता व्यक्त की है। नये काव्य मुहावरे के काव्यानुभव ने जड़ीभूत सौन्दर्याभिरुचियों पर प्रहार किया है। जीवन के तीव्र उत्कट अनुभव-क्षण अपने दुखते कसकते मूलों से पृथक होकर एक नया काव्यालोक निर्मित करते हैं। काव्यानुभूति के शब्दबद्ध होने की प्रक्रिया और उस प्रक्रिया की परिपूर्णावस्था तक की गतिमानता का अपना यथार्थ है। इन कविताओं में उत्तर-आधुनिक समय के दबावों तनावों से निरन्तर जूझता वह मनुष्य है जो अपनी जीवट और जिजीविषा में निरन्तर आस्था से पूर्ण कर्म सौन्दर्य का उपासक है। एक अपराजेय मानव मन इन कविताओं के बिम्बों-प्रतीकों-रूपकों-इतिवृत्तों-विवरणों-वर्णनों में अपनी मौजूदगी रखता है और सर्जनात्मक भाषा और लय का उल्लास इन कविताओं के राग-दीप्त सच से विवेकजन्य पावनता की निष्पत्ति करता है। ये कविताएँ पाठक की दृष्टि का विस्तार करती हैं और इनका सम्प्रेषण कहीं बाधित नहीं है। इन कविताओं का पाठ, अन्तःपाठ बहुवचनात्मक है और अपनी अर्थ बहुलार्थकता से हिन्दी की नवीन सर्जनात्मकता की अगुवाई करता है।—डॉ. कृष्णदत्त पालीवाल

विजय किशोर मानव (Vijay Kishore Manav)

विजय किशोर मानव - जन्म: 9 अक्तूबर, 1950, कानपुर (उ.प्र.)। शिक्षा: स्नातक। साहित्य और पत्रकारिता में प्रतिष्ठित। नवगीत, ग़ज़ल, कविता, कहानी और समीक्षा में निरन्तर लेखन। देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं म

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