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Aadmi Ke Aranya Mein

Hardbound
Hindi
8126312793
1st
2006
204
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आदमी के अरण्य में - हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्री अमृता भारती का ज्ञानपीठ से प्रकाशित नवीनतम काव्य संग्रह है 'आदमी के अरण्य में'। प्रस्तुत कविता संग्रह के सन्दर्भ में अमृता जी लिखती हैं, 'कविता जो सुख थी, किताबें जो मित्र थीं, लोग जो बन्धु भी थे और शत्रु भी— सब जैसे परदे की तरह गिर गये हैं। मैं अपनी कविताओं में एक ऐसे अरण्य का अनुभव करती हूँ, जहाँ पहले कोई नहीं आया। आदमी का अरण्य मानो मेरा अपना ही अरण्य है।' ‘आदमी के अरण्य में‘ का कथ्य और प्रारूप अमृता जी के पिछले संग्रहों की कविता से बहुत बदला हुआ है। सच तो यह है कि वे इसे एक खण्डकाव्य का रूप देना चाहती थीं लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब यह एक खण्ड-खण्ड कविता है जिसमें स्वीकार और नकार के अनेक स्वर हैं जो इस कविता की स्त्री को आक्षेप, आरोप और लगातार हुई हानि से कहीं दूर उसकी गरिमा में लाकर खड़ा करते हैं। उस नये शिल्प में विन्यस्त अमृता जी की एक और कविता, जो समय में चलकर भी समय से बाहर जा सकती है, क्योंकि उसे बार-बार लौटना है—आदमी के क़रीब, उसकी यातना और आनन्द के क़रीब।

अमृता भारती (Amrita Bharati)

अमृता भारती - जन्म: नजीबाबाद (उ.प्र.)। शिक्षा: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संस्कृत साहित्य में एम.ए., पीएच.डी.। भारतीय काव्यशास्त्र का विशेष अध्ययन। मुम्बई और दिल्ली में कुछ वर्षों तक प्राध्या

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