Surya Ki Antim Kiran Se Surya Ki Pahali Kiran Tak

Hardbound
Hindi
9789326351348
5th
2021
72
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सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक - हिन्दी नाटक और रंगमंच का यह गौरव आलेख हिन्दी में तो प्रत्येक महत्त्वपूर्ण नाट्य केन्द्र में सफलता से प्रदर्शित हुआ ही है, साथ ही मराठी, कन्नड़, ओड़िया, मणिपुरी एवं तमिल में भी इसकी प्रस्तुतियों ने विशेष ख्याति पायी है। मिथकीय आधार पर कुछेक बहुत तीख़े समकालीन जीवनानुभव इस नाट्य-कृति में रेखांकित हुए हैं। यहाँ एक ओर समसामयिक स्तर पर परिवर्तनशील मूल्यों के सन्दर्भ में दाम्पत्य एवं यौन सम्बन्धों का गहरा और बारीक़ अन्वेषण है, तो दूसरी ओर शासक तथा शासन तन्त्र के आपसी रिश्ते का सार्थक विश्लेषण। सुगठित संरचना-शिल्प, कविता का आस्वाद देती ताज़ा, बेधक रंगभाषा द्वन्द्वाश्रित चरित्र-सृष्टि, परम्परागत मिथक की सामयिक व्याख्या और काम सम्बन्धों के कमनीय, उदात्त चित्रण की दृष्टि से यह रचना भारतीय नाट्य-साहित्य में अद्वितीय है।

सुरेन्द्र वर्मा (Surendra Verma )

सुरेन्द्र वर्मा  जन्म : सितम्बर, 1911 शिक्षा : एम.ए. (भाषाविज्ञान) अभिरुचियाँ : प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय इतिहास, सभ्यता एवं संस्कृति; रंगमंच तथा अन्तरराष्ट्रीय सिनेमा में गहरी दिलचस्पी । कृत

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