Olesja Tatha Anya Kahaniyan

Hardbound
Hindi
9789350001608
330
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ओलेस्या तथा अन्य कहानियाँ -
अलेक्सांद्र कुप्रीन की ओलेस्या तथा अन्य कहानियाँ की शीर्षक-कथा जंगल में रहने वाली एक समाज बहिष्कृत सुन्दर लड़की और उसकी दादी की है, जिन्हें गाँव वाले डायनें समझते हैं। यह वह काल था, जब सारे यूरोप में डायन प्रथा का चलन था। कथानक उस अल्प-परिचित, अल्प-उद्घाटित विषय का है, जिस पर आज भी बहुत कम साहित्यिक रचनाएँ सारे यूरोप-अमेरिका में मिलती हैं। यथार्थवादी शैली के कारण पात्रों की त्रासद नियति और भी विस्फोटक होती जाती है।
कुप्रीन, टॉलस्टॉय और चेखव की ही परम्परा में, रूसी साहित्य के उस स्वर्ण-काल के लेखक हैं जिनके पास समाज के हर तबके के पात्र के लिए अचूक अन्तर्दृष्टि थी-भले वे राजसी खानदान के हों या बिल्कुल ग़रीब, असहाय। इन कहानियों का देश संक्रमण काल का रूस है। यहाँ जितना जो कुछ एक पात्र के जीवन में घटता है, लगभग वही सब कुछ क्रान्ति-पूर्व रूस के इतिहास में भी होता जाता है। किसी देश के इतिहास में जो कुछ गिने-चुने लेखक अपने होने भर से काल और संस्कृति पर अपनी छाप छोड़ जाते हैं, कुप्रीन वैसे ही महान रूसी लेखक हैं। पाठकों के लिए यह तथ्य रोचक होगा कि 1954 में जब युवा लेखक निर्मल वर्मा ने इन कहानियों का अनुवाद किया था, तो उनका अपना देश भी स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद एक संक्रमण काल के सम्मुख अपनी नियति की पहचान कर रहा था।

निर्मल वर्मा (Nirmal Verma )

निर्मल वर्मा (1929-2005) भारतीय मनीषा की उस उज्ज्वल परम्परा के प्रतीक-पुरुष हैं, जिनके जीवन में कर्म, चिन्तन और आस्था के बीच कोई फाँक नहीं रह जाती। कला का मर्म जीवन का सत्य बन जाता है और आस्था की चुनौत

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अलेक्सांद्र कुप्रीन (Aleksxander Kuprin)

अलेक्सांद्र कुप्रीन (1870-1938) का जन्म रूस में एक मंझोले सरकारी अफ़सर पिता और एक भूतपूर्व अमीर घराने की शहज़ादी माँ के घर में हुआ। कुप्रीन पेशे से पायलट, यायावर और लेखक थे। उनका लेखन साधारण लोगों क

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