Beesaveen Shatabdi Ka Hindi Natak Aur Rangmanch

Paperback
Hindi
8126310812
4th
2020
276
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बीसवीं शताब्दी का हिन्दी नाटक और रंगमंच - बीसवीं शताब्दी का हिन्दी रंगमंच अनेक हलचलों, आन्दोलनों और अन्वेषणजन्य नये-नये प्रयोगों से भरा हुआ है। यह इतना बृहद् और विविधता लिये है कि पूरी शताब्दी के नाटक और रंगमंच दोनों का समग्र आकलन एक चुनौती बन गया है। लेखिका ने रंगकर्म के अनुभवों, साहित्य और रंगमंच के आन्तरिक सम्बन्धों की सूक्ष्म समझ और नाट्यालोचन की व्यापक दृष्टि के साथ बीसवीं शताब्दी की नाट्य-उपलब्धियों और अन्तविरोधों को एक साथ जाँचा-परखा है। प्रसिद्ध नाट्यचिन्तक और रंगकर्मी गिरीश रस्तोगी की प्रस्तुत कृति 'बीसवीं शताब्दी का हिन्दी नाटक और रंगमंच' एक स्पष्ट, सन्तुलित, प्रखर नाट्य-दृष्टि के साथ सर्जनात्मक समीक्षा का श्रेष्ठ उदाहरण है। यह कृति निस्सन्देह, हिन्दी नाटक और रंगमंच के प्रेमियों और शोधकर्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करती है।

गिरीश रस्तोगी (Girish Rastogi)

डॉ. गिरीश रस्तोगी - जन्म: 12 जुलाई, 1935; बदायूँ (उ.प्र.) में एम.ए., एम.एड., पीएच.डी.। हिन्दी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय से अवकाश प्राप्त सम्प्रति प्रोफ़ेसर एमेरिटस। कृतियाँ: 'आधुनिक हिन्दी नाटक', 'मोहन

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