Pachas Kavitayen Nai Sadi Ke Liye Chayan : Vishwanath Prasad Tiwari

Paperback
Hindi
9789350724132
1st
2013
100
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पचास कविताएँ : नयी सदी के लिए चयन :

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी विश्वनाथ प्रसाद तिवारी आधुनिक संवेदना और चिन्ता के प्रखर कवि हैं और उन्हें अपने साहित्यिक, और लोक संस्कारों ने एक ऐसी व्यंजक, उत्तप्त और खरी भाषा दी है, जिसमें उनके कथ्य की आँच औरधधक उठती है, जो उन्हें अन्य कवियों से अलग करती है।

- प्रभाकर श्रोत्रिय

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी में समकालीन जीवन की कटुता, विषमता, अन्याय, अत्याचार, भयावहता के संकेत हैं, लेकिन प्रमुख स्वर इन सबको स्वीकार करके ऊपर उठने की ओर है। उनका मूल स्वर जीवन में आस्था का है।

- चन्द्रकान्त बांदिवडेकर

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी कविता में कहते कम और छिपाते ज़्यादा हैं। बेहतर दुनिया के लिए वे अपने समकालीन कवियों से अलग रास्ते की तलाश में आखरों की अनन्त शक्ति को वहाँ तक पहुँचाने की व्यग्रता में दिखते हैं, जहाँ वे कह सकते हैं कि फिर भी कुछ रह जायेगा।

- लीलाधर जगूड़ी

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की कविताएँ चुपचाप इस तथ्य की ओर भी इंगित करती हैं कि उनके यहाँ कविता सृजन है, उत्पादन नहीं। कल्पनाशीलता, समय की तपिश, अनुभव की मार्मिकता और शब्द को बरतने की तरतीब-ये सब मिल कर उनकी कविता को एक भिन्न व्यक्तित्व प्रदान करते हैं।

- एकान्त श्रीवास्तव


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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की कविता अनिवार्यतः रची जाने के बावजूद स्वयं रचती प्रतीत होती है। अक्सर उनकी कविता के भीतर अनवरत यात्रा का अहसास तो है, क्योंकि किसी क्षण विशेष ने उनकी कविता को जन्म नहीं दिया, बल्कि बृहत्तर अनुभव यात्रा ने उनकी कविताओं को जन्म दिया है।

- ए. अरविन्दाक्षन

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अधिकांश कविताओं और संग्रहों से गुज़र कर सहज ही अनुभव किया जा सकता है कि ये विपुल लोक गन्ध से भरी हुई हैं। इन कविताओं को पढ़ते हुए उस 'जनपद का कवि हूँ' के त्रिलोचन याद आते हैं। ये कविताएँ उस भारी चिन्ताओं से उपजी है, जो हमें प्रेमचन्द और 'मैला आँचल' वाले रेणु की याद दिलाती हैं।

- विजय बहादुर सिंह

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी यथार्थवादी है लेकिन उससे भी बड़े स्वप्नप्रष्टा है। वे बेहतर दुनिया का स्वप्न स्वरूप सँवारने वाले कवि हैं। उनकी कविता में बहुत कुछ है मगर सबसे ऊपर 'मानव की जय यात्रा' का विश्वास बचा रहता है।

- रेवतीरमण

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तिवारी जी कविता का मिजाज सहज बातचीत का मिजाज है, जो अपने आस-पास के प्रति आत्मीयता के अहसास की ही एक शैलीगत अभिव्यक्ति है। इस स्वभाव के कारण ही शायद उनके बिम्बलोक में भी एक सहजता है।

- नन्दकिशोर आचार्य

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी गुटनिरपेक्ष कवि, आलोचक और चिन्तक हैं। सर्जनात्मकता की एक अत्यन्त ही प्रखर धारा उनके अन्दर से जब फूटती है, तो वह उनके समस्त आलोचकीय तर्क जाल तोड़ कर कविता में रूपान्तरित हो जाती है। -रमेश दवेविश्वनाथ प्रसाद तिवारी की कविताएँ अपने समय की विभीषिकाओं से रू-ब-रू होती हुई, उनसे जूझती हुई जीवन का एक उजास छोड़ती हैं। वे बेहतर दुनिया के लिए जद्दोजहद करती हैं। किन्तु यह सब सहज भाव से होता है। इनमें बड़बोलापन कहीं नहीं दिखाई देता।

- रामदरश मिश्र

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के व्यक्तित्व के कई रूप हैं, पर मेरा खयाल है कि उनका कवि चरित्र, उनके शेष समस्त लेखन को एक वैशिष्ट्य देता है।

- केदारनाथ सिंह

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (Vishwanath Prasad Tiwari)

विश्वनाथ प्रसाद तिवारीजन्म : 1940 ई., कुशीनगर जनपद के एक गाँव रायपुर भैंसही - भेड़िहारी (उ.प्र.) ।पद : गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में आचार्य एवं अध्यक्ष पद से 2001 ई. में अवकाश ग्रहण | प्रकाशि

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