Vishnu Khare
विष्णु खरे का जन्म मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव छिंदवाड़ा में हुआ था । उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा इंदौर में पायी थी । बाद में उन्होंने 1963 में क्रिश्चियन कालेज से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया था । वे 1963 से 1975 तक मध्यप्रदेश और दिल्ली में अध्यापन से जुड़े रहे । वे 1976 से 1984 तक साहित्य अकादेमी में सचिव रहे । वे 1985 से लेकर 1993 तक नवभारत टाइम्स में कार्यकारी संपादक पद पर कार्यरत रहे । बाद में वे मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो गए थे । वे कुछ समय दिल्ली हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष भी रहे । उनकी प्रमुख काव्य कृतियां एक गैर रूमानी समय में, खुद अपनी आंख से, सबकी आवाज के पर्दे में, पिछला बाकी, काल और अवधि के दरमियान प्रमुख काव्य कृतियां हैं । मुक्तिबोध उनके प्रिय कवि थे । खरे ने विदेशी कवियों की कविताओं के बहुत सारे अनुवाद के काम किए । सिनेमा के विविध रूपों खासकर वैश्विक सिनेमा और भारतीय सिनेमा पर अपनी विरल दृष्टि से उन्होंने कई लेख लिखे ।