Yashpal

यशपाल – हिंदी के यशस्वी कथाकार निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसंबर 1903 ई में फिरोजपुर छावनी में हुआ था ।  लाहौर के नेशनल कालेज में भर्ती होने पर यशपाल सुखदेव और भगत सिंह   जैसे क्रांतिकारियों के संपर्क में आ गए । उनका झुकाव क्रांतिकारी आंदोलन की ओर हो गया । उनके विचारों पर क्रांतिकारियों का खासा प्रभाव रहा । यशपाल सबसे पहले हिंदी कहानीकार के रूप में सामने आए । उनकी प्रमुख औपन्यासिक कृतियां दादा कामरेड, देशद्रोही, पार्टी कामरेड, दिव्या, मनुष्य के रूप, अमिता, झूठा सच आदि हैं । वे लखनऊ की प्रसिद्ध कथा तिकड़ी के लेखक के रूप में विख्यात रहे, शेष दो सदस्य अमृतलाल नागर और भगवती चरण वर्मा को कहा जाता है ।