यथासम्भव - व्यंग्य शब्द को साहित्य से जोड़ने अर्थात् व्यंग्य को साहित्य का दर्जा दिलाने में जिन इने-गिने लेखकों की भूमिका रही है उनमें शरद जोशी का नाम अग्रणी है। उन्होंने इस दिशा में बहुत कुछ योगदान किया है—गुणवत्ता और परिणाम, दोनों दृष्टियों से। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि शरद जोशी ने हिन्दी के गम्भीर व्यंग्य को लाखों लोगों तक पहुँचाया।
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