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Apne Apne Ajnabi

Paperback
Hindi
9788126330539
26th
2022
72
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₹100.00

अपने अपने अजनबी - 'मृत्यु से साक्षात्कार विषय बनाकर को मानव के जीवन और उसकी नियति का इतने कम शब्दों में मार्मिक और भव्य विवेचन इस उपन्यास की गरिमा का मूल है। मृत्यु को सामने पाकर कैसे प्रियजन भी अजनबी हो जाते हैं और अजनबी पहचाने हुए इस चरम स्थिति में मानव का सच्चा चरित्र उभरकर आता है उसका प्रत्यय, उसका अदम्य साहस और उसका विमल अलौकिक प्रेम भी वैसे ही और उतने ही अप्रत्याशित ढंग से क्रियाशील हो उठते हैं, जैसे उसकी निम्नतर प्रवृत्तियाँ। 'अपने-अपने अजनबी' के पात्र विदेशी हैं और कहानी भी विदेश में घटित होती है। मृत्यु के प्रति जिन दो विरोधी भावों की टकराहट इनमें है, वास्तव में उनके पीछे पूर्व और पश्चिम की जीवन-दृष्टियाँ हैं। वे दो दृष्टियाँ ही यहाँ मिलती हैं और मानव-जीवन के एक नये आयाम का उन्मेष करती हैं। प्रस्तुत है कृति का यह नवीनतम संस्करण।

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Agyeya')

सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च 1911-4 अप्रैल 1987) -मानव मुक्ति एवं स्वाधीन चिन्तन के अग्रणी कवि-कथाकार-आलोचक-सम्पादक ।कुशीनगर, देवरिया (उ.प्र.) में एक पुरातत्त्व उत्खनन शिविर में ज

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