ओड़िया की समकालीन कहानियाँ में प्रतिनिधि कहानियाँ शामिल हैं। ओड़िया की इन चुनी हुई उन्नीस कहानियों में जिन कहानीकारों को शामिल किया गया है वे महज़ कहानीकार नहीं, उपन्यासकार भी हैं। ये कथाकार आज भी अपनी रचनाओं के ज़रिये एक विशेष पहचान बनाये हुए हैं। इनमें से कुछ कथाकारों की रचनाओं से हिन्दी के सुधी पाठक अच्छी तरह परिचित हैं।
इन कथाकारों की रचनाएँ हिन्दी में अनूदित होकर समय-समय पर हिन्दी की महत्त्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं, जैसे ‘धर्मयुग', 'सारिका', ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘समकालीन भारतीय साहित्य’, ‘हंस’, ‘साक्षात्कार', 'कादम्बिनी', 'नया ज्ञानोदय' में छपती रही हैं। जबकि संग्रह के कुछ कथाकार ऐसे भी हैं, जिनकी रचनाओं के अनुवाद हिन्दी में न हो पाने के कारण ये कथाकार और इनकी रचनाएँ हिन्दी पाठकों के समक्ष नहीं पहुँच पायीं। इस संग्रह के माध्यम से उनकी रचनाएँ पढ़ने का अवसर पहली बार पाठकों को मिलेगा ।
संग्रह के लगभग आधे से अधिक कथाकार केन्द्र साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली व ओड़िशा राज्य साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित हैं।
आशा है इसे अन्य संग्रहों की भाँति आपका स्नेह मिलेगा ।
राजेन्द्र प्रसाद मिश्र (Rajendra Prasad Mishra)
राजेन्द्र प्रसाद मिश्रजन्म : 6 अप्रैल 1955, रायरंगपुर, मयूरभंज (ओड़िशा)।एम.ए. (हिन्दी) व पीएच.डी. (जेएनयू, नयी दिल्ली) । अब तक ओड़िया से हिन्दी में अनूदित कुल 90 पुस्तकें प्रकाशित।विश्व हिन्दी सचिवालय
राजेन्द्र प्रसाद मिश्रजन्म : 6 अप्रैल 1955, रायरंगपुर, मयूरभंज (ओड़िशा)।एम.ए. (हिन्दी) व पीएच.डी. (जेएनयू, नयी दिल्ली) । अब तक ओड़िया से हिन्दी में अनूदित कुल 90 पुस्तकें प्रकाशित।विश्व हिन्दी सचिवालय