पुष्पा भारती धर्मयुग में प्रकाशित अपने साक्षात्कारों और समसामयिक आलेखों की वज़ह से पाठकों में लोकप्रिय रही हैं। सरस संवाद में संकलित उनके इक्कीस लेख राजनीति, लेखन, खेल, फिल्म- दूरदर्शन और संस्कृति से जुड़े लोगों से बातचीत पर आधारित हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति श्री आर. वेंकटरामन, राजीव गांधी, अमिताभ बच्चन, सोनिया गांधी, राही मासूम रज़ा, जहीर अब्बास, सचिन तेंदुलकर, राजेश खन्ना, जया भादुड़ी, लक्खू भाई पाठक सरीखी विश्वविख्यात हस्तियों से लेकर अजित तेंदुलकर, नितीश भारद्वाज, लवलीना मिश्रा, अतिमा श्रीवास्तव जैसे अपेक्षाकृत अल्पख्यात लेकिन चर्चित-सुपरिचित व्यक्तित्व उजागर हुए हैं। इनके माध्यम से ऐसी घटनाएँ, प्रसंग और वार्ताएँ पाठक तक प्रक्षेपित होती हैं जिनका महत्त्व महज तात्कालिक ही नहीं समकालीन भी है।
आत्मीयतापूर्ण सहज शैली में पुष्पा भारती व्यक्तित्व का समग्र उद्घाटन ही नहीं करतीं उन्हें शब्दों के माध्यम से साकार उपस्थित कर देती हैं। साक्षात्कार, संस्मरण, रेखाचित्र, शब्दांकन, व्यक्तिचित्र या दैनंदिन घटनाओं से विन्यास डायरी जैसी तमाम विधाएँ इनमें एक साथ देखी जा सकती हैं। लेखिका के पास ऐसी निरीक्षण दृष्टि है जो व्यक्ति और उसके वातावरण में व्याप्त सूक्ष्मतम हलचल को पकड़ लेती है। श्रद्धांजलि लेख जहाँ पाठक को शोक से भरकर अपूर्णनीय रिक्तता का बोध और प्रियजनों की छटपटाहट का अहसास कराते हैं वहीं लंबी तैयारियों, अटूट धैर्य, लगन, मेहनत, शुभकामनाओं और अनथक संघर्ष से अर्जित उपलब्धियों और कारनामों को रेखांकित करनेवाली टिप्पणियाँ आज धरोहर का रूप ले चुकी हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक अर्थतंत्र, पारिवारिक मनोविज्ञान, नैतिक संस्कार से लेकर व्यक्तिगत अभिरुचियों, विशेषताओं, पसंद-नापसंद को ऐसे व्यक्त किया गया है कि घर-परिवार के कोनों-अंतरों से लेकर समाज- देश-देशांतर के परिवर्तनकारी रहस्य प्रकाशित हो उठते हैं।
वर्तमान राजनीति-संस्कृति और आगामी इतिहास इसमें अनायास दर्ज है। यह पाठक से कथारस युक्त सरस संवाद करनेवाली रचनाएँ हैं।
- हेमंत कुकरेती
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