असाधारण प्रेम कथाएँ
जीनियस वही होता है जो अपनी राह खुद बनाता है। कीर्तिकुमार सिंह से पूर्व हिन्दी के कथाकार प्रेम कथाएँ लिखते तो थे, किन्तु उनके संग्रह प्रकाशित कराने में संकोच करते रहे। कीर्तिकुमार सिंह ने इसके उलट, निर्भीक होकर प्रेम कथा-संग्रह प्रकाशित कराये हैं ।
उनकी प्रेम कथाएँ कोरी प्रेम गाथाएँ नहीं, बल्कि साहित्यिक कहानियाँ हैं, जिनमें प्रारम्भ से अन्त तक आकर्षण बना रहता है। आकार में लम्बी होने के कारण ये प्रायः लघु उपन्यास का-सा आनन्द देती हैं।
रचनाकार ने अपनी यह एक विशिष्ट शैली विकसित की है। उनकी भाषा और कथा में प्रेम की खोज के अनवरत प्रयास ने साहित्य में पसरी एकरसता को तोड़ा है।
अपनी विशिष्ट शैली के इस प्रेम कथा-संग्रह की नौ प्रेम कथाओं में प्रेम के विविध रसमय रूप देखने को मिलते हैं । हिन्दी कथा जगत् में इन प्रेम कथाओं को बहुत दिनों तक पढ़ा और सराहा जायेगा ।
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