एक साहित्यिक की डायरी - ऐसी कृतियाँ बहुत नहीं होतीं जो अपने समकालीन साहित्य का श्रीवर्धन कर सकें। 'एक साहित्यिक की डायरी' एक ऐसी कृति है, जिसने अपने शिल्प और विचारतत्त्व दोनों की विशेषता के कारण पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है और आदर-मान पाया है। डायरी विधा का यह रूप तो इसी में देखने को मिलेगा। जैसे निबन्धात्मक कहानी वैसे यह निबन्धात्मक डायरी। निबन्ध—सीधा-सादा प्रारम्भ, फिर कहीं एकालाप, कहीं एक काल्पनिक पात्र से वार्तालाप, पर आदि से अन्त तक भाव और स्वर डायरी का। और प्रत्येक प्रकरण का प्रत्येक क्षण और प्रत्येक चरण इस प्रयोजन की पूर्ति के लिए कि विषय की परतें हल्के-हल्के खुलती हुई प्रश्नों और प्रश्नों के भीतर के प्रश्नों से साक्षात्कार करा दें और फिर हम भी सोचें और समाधान के अन्वेषी हों।
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