Kaale Adhyaay

Manoj Rupda Author
Paperback
Hindi
9789326353045
2nd
2018
180
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काले अध्याय -

मनोज रूपड़ा समकालीन कहानी के विशिष्ट हस्ताक्षर हैं। उनमें कहानी कहने की अपूर्व क्षमता है। काले अध्याय में उनके जीवन के संस्मरण हैं, जिसे उन्होंने बचपन से लेकर हमउम्र की छोटी-छोटी घटनाओं को बारीकी से सहेजा है। कहानी से इतर जो वे कह नहीं पाये हैं, उसकी यहाँ जीवन्त और सशक्त अभिव्यक्ति है। मगर यहाँ भी कथा का ही विस्तार है, जहाँ उनकी चेतना अपने तई भीतर-बाहर से जुड़कर एक अनूठा कथा-संसार रचती है।

मनोज रूपड़ा बेचैन कथाकार हैं और यह बेचैनी यहाँ भी देखी जा सकती हैं। उनके कथा सूत्र सामान्य जीवन के हैं मगर इतने सघन और गहरे हैं कि उन पर एक बड़ा कैनवास बुनते हैं और जीवन-विस्तार में ठहरे हुए पलों को एक बेहतरीन लिबास देते हैं।

काले अध्याय उज्ज्वलतर जीवन का उघड़ा हुआ सच है, जो पाठक के भीतर सर्जनात्मकता की लहर सी पैदा करता है। निःसन्देह यह एक पठनीय कृति बन पड़ी है, जहाँ इकहरे जीवन से मुक्ति का सीधा सरल रास्ता अख्तियार नहीं करती।

मनोज रूपड़ा (Manoj Rupda)

मनोज रूपड़ाजन्म : 16 दिसम्बर 1963शिक्षा और संस्कार : मध्य प्रदेश के दुर्ग ज़िले में ।प्रकाशन : दफ़न और अन्य कहानियाँ, साज़ - नासाज़, टावर ऑफ़ साइलेंस (कहानी-संग्रह), प्रतिसंसार (उपन्यास) ।सम्प्रति : न

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