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Global Gaon Ke Devta

Ranendra Author
Paperback
Hindi
9789355185884
8th
2024
100
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ग्लोबल गाँव के देवता -

'ग्लोबल गाँव के देवता' वस्तुतः आदिवासियों-वनवासियों के जीवन का सन्तप्त सारांश है। शताब्दियों से संस्कृति और सभ्यता की पता नहीं किस छन्नी से छन कर अवशिष्ट के रूप में जीवित रहने वाले असुर समुदाय की गाथा पूरी प्रामाणिकता व संवेदनशीलता के साथ रणेन्द्र ने लिखी है। आग और धातु की खोज करनेवाली, धातु पिघलाकर उसे आकार देनेवाली कारीगर असुर जाति को सभ्यता, संस्कृति, मिथक और मनुष्यता सबने मारा है। 'ग्लोबल गाँव के देवता' असुर समुदाय के अनवरत जीवन संघर्ष का दस्तावेज़ है। देवराज इन्द्र से लेकर ग्लोबल गाँव के व्यापारियों तक फैली शोषण की प्रक्रिया को रणेन्द्र उजागर कर सके हैं। हाशिए के मनुष्यों का सुख-दुख व्यक्त करता यह उपन्यास झारखंड की धरती से उपजी महत्त्वपूर्ण रचना है। असुरों की अपराजेय जिजीविषा और लोलुप-लुटेरी टोली की दुरभिसन्धियों का हृदयग्राही चित्रण ।

रणेन्द्र (Ranendra )

रणेन्द्र झारखंड एन्साइक्लोपीडिया (चार खंडों) का सम्पादन । कथादेश 2006 कहानी प्रतियोगिता के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित । कहानी संग्रह 'रात बाकी' एवं कविता-संग्रह (शीघ्र प्रकाश्य) । आदिवासी समुद

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