एक अच्छे शायर में खूबियों के साथ साथ खराबियाँ भी बराबर की होनी चाहिए, वरना फिर वह शायर कहाँ रह जाएगा, वह तो फिर फ़रिश्ता होकर रह जाएगा! और फ़रिश्तों को अल्लाह ने शायरी के इनआम से महरूम रखा है। इसलिए पूरे यक़ीन से कहा जा सकता है कि राहत फ़रिश्ते नहीं हैं। वह तमाम इन्सानी कमज़ोरियों से लुत्फ़ लेना जानते हैं! और एक अच्छे और सच्चे शायर की तरह वह अपनी कमज़ोरियों का इक़रार भी करते हैं! और जिसके पास अपने गुनाहों और कमज़ोरियों के इक़रार की हिम्मत भी मौजूद हो, वह सचमुच बड़ा आदमी होता है! और यह दुनिया का दस्तूर चला आ रहा है कि बड़ा आदमी ही बड़ा शायर होता आया है!
- किसी किसी को ही मिलते हैं चाहने वाले!
राहत इन्दौरी (Rahat Indori)
राहत इन्दौरी
उर्दू के विख्यात शायर डॉ. राहत इन्दौरी का जन्म इन्दौर में 1 जनवरी 1950 को हुआ था। उन्होंने इन्दौर विश्वविद्यालय में सोलह वर्षों तक उर्दू साहित्य पढ़ाया तथा उर्दू की त्रैमासिक पत्र