कुछ आपबीती कुछ जगबीती - संग्रह में एक लम्बी और नौ छोटी कहानियाँ है। शीर्षक कहानी, कुछ आपबीती कुछ जगबीती, जो अन्तिम और सबसे लम्बी कहानी हैं, उसमें भी छः छोटी कहानियाँ है। उसके छः पात्र एक जगह मिलते हैं और अपनी-अपनी अनोखी कहानियाँ सुनाते हैं जिन्हें किसी एक शैली में नहीं बाँधा जा सकता। किताब की ज़्यादातर कहानियों के केन्द्र में 'अकेलापन' है। पात्र स्त्रियाँ भी हैं, और पुरुष भी, जो अकेलेपन से जूझ रहे हैं। कुछ घटनाएँ गाँव के परिवेश की हैं और कुछ शहर और महानगर की। हर तरह के कथानक में कुछ साधारण से प्रतीत होने वाले असाधारण किरदार हैं, एक-दो कहानियों में उनके साथ कुछ अद्भुत घटित होता है, परन्तु जो अलौकिक अनुभव हैं वो वास्तविक जीवन की प्रतिक्रिया में होते हैं, और कभी-कभी यथार्थ और कल्पना के बीच की महीन रेखा मिट सी जाती है। कहानियों में आप कई विलक्षण स्त्रियों से मिलेंगे, जो अपनी शर्तों पर अलग तरह की ज़िन्दगी जी रही हैं। प्रेम की बातें भी होती हैं, कुछ प्रेम में हारे हुए पात्र हैं और किसी को प्रेम की तलाश है। विषय अलग-अलग हैं परन्तु किसी ना किसी तरह से हर कहानी के मूल में अकेलेपन की वेदना है।
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