• Out Of Stock

Neeraj Sanchayan Gopaldas Neeraj

Sherjung Garg Author
Hardbound
Hindi
9789326352369
2nd
2016
228
If You are Pathak Manch Member ?

₹300.00

नीरज संचयन - गोपालदास 'नीरज' ने काव्य को भाषा की दृष्टि से ज़िन्दगी के क़रीब लाने का ही प्रयास नहीं किया, बल्कि एक छन्द और अनुभूति की दृष्टि से भी गीत को एक नयी दिशा की ओर उन्मुख कर दिया। नीरज ने गीत को कविता के समानान्तर नये बोध और जीवनानुभव को नये ढंग से प्रकट करने का प्रयास किया। इससे पहले गीत की एक उपेक्षित विधा के रूप में पहचान थी। आज गीत के आधार स्तम्भ बन चुके हैं— नीरज। नीरज के गीत ना लोकजीवन से विमुख हैं ना नागरिक जीवन से उपेक्षित। ना तो राष्ट्र की सीमा से बद्ध हैं और ना अन्तर्राष्ट्रीय स्थितियों से तटस्थ। नीरज अपने परिवेश के प्रति सजग तथा अस्तित्व के प्रति व्यापक रूप से सतर्क हैं। निर्विवाद रूप से आज गीत विधा के वे बेताज बादशाह हैं। यह अकारण नहीं है कि उन्हें सुनने और देखने के लिए कवि सम्मेलनों में भारी हुजूम उमड़ पड़ता है। उनकी लोकप्रियता वास्तव में हिन्दी कविता के लिए एक उपलब्धि है।

शेरजंग गर्ग (Sherjung Garg)

शेरजंग गर्ग जन्म : 29 मई, 1937, देहरादूनशिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.प्रकाशित कृतियाँ : चन्द ताज़ा गुलाब तेरे नाम, क्या हो गया कबीरों को (कविताएँ), स्वातन्त्र्योत्तर हिन्दी कविता में व्यंग्य, व्यंग्य के मू

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

Related Books