मुहूर्त - जसबीर भुल्लर गल्प के विलक्षण हस्ताक्षर और पंजाबी कहानी के गौरव हैं। वे पल भर के लिए भी मानवीय मूल्यों और गरिमा को दृष्टि से ओझल नहीं होने देते। वे चाहे किसी वेश्या के चकले के बारे में लिख रहे रहों या फ़ौजी जीवन के बारे में अथवा प्रेम के बारे में उनकी कहानियों की विशिष्टता यह है कि वे सामान्य आदमी और बौद्धिक वर्ग दोनों को ही गहरे तक छूती हैं। जसबीर भुल्लर की लेखनी ने पंजाबी साहित्य में कई नये अध्याय आरम्भ किये हैं। वे रूप की बुनावट का यूँ प्रयोग करते हैं कि पाठक कथा के ब्यौरों से गुज़रने के साथ-साथ कहानी को विजुअल में देखने लगता है। जसबीर भुल्लर की प्रतीकात्मक शैली पीड़ा, संताप और त्रासदी का शिखर निर्मित करती है और प्रतीकात्मकता इस उपन्यास को सुगठित और प्रखर रूप में प्रस्तुत करती है। जसबीर भुल्लर के पास कहानी कहने की सूक्ष्म कलात्मकता, काव्यात्मक, मुहावरों और नयी कथा युक्तियों के साथ-साथ मानवतावादी पैठ की बहुलता है। उपन्यास 'मुहूर्त' के माध्यम से पंजाबी साहित्य के शिखर हस्ताक्षर जसबीर भुल्लर एक नयी बुलन्दी पर पहुँचे हैं। इस उपन्यास का अनुवाद श्री तरसेम ने किया है। स्वयं लेखक होने के कारण उन्होंने इस उपन्यास की आत्मा को जीवन्त रखा है। पाठक महसूस ही नहीं कर पाता कि वह हिन्दी से इतर किसी अन्य भाषा का उपन्यास पढ़ रहा है।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review