मेरी दीवार पर - अय्यप्प पणिक्कर की कविताएँ जीवन के प्रत्येक रूप का स्पर्श करती प्रतीत होती हैं। जीवन के यथार्थ में जो कटु सत्य भर आते हैं उन्हें उकेरने में उनकी क़लम हिचकती नहीं। उनकी छोटी कविताएँ तो और भी अधिक प्रभावशाली तरीक़े से सत्य की खोज कर उन्हें अभिव्यक्ति में रूपान्तरित करती हैं। पणिक्कर की कविताओं में क्षेत्रीय लोक-शैली की झलक भी मिल जाती है। ऐसी कविताएँ मलयालम काव्यमंच पर बहुत प्रसिद्धि पा चुकी हैं। भाषा के स्तर पर यूँ पणिक्कर की कविताओं का अनुवाद करना एक चुनौती भरा कार्य प्रतीत होता है किन्तु अनुवादक ने इस पुस्तक में संकलित कविताओं का अनुवाद इस तरह से प्रस्तुत से किया है कि ये मूल कविता का-सा आनन्द देती हैं।
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