दहलीज के उस पार - पिछले कुछ वर्षों के दौरान नये हिन्दी कथाकारों के बीच रश्मि कुमार ने अपनी एक महत्त्वपूर्ण पहचान बनायी है। 'दहलीज के उस पार' उनका दूसरा कहानी-संग्रह है। 'दहलीज के उस पार' संग्रह में अपने समकालीन समय और समाज के प्रति सजग आज की भारतीय नारी के अन्तर्मन को अभिव्यक्त करती कहानियाँ हैं। नारी-मन, उसके सुख-दुख और राग-विराग को कई-कई कोणों से देखती-दिखाती इस संग्रह की कहानियाँ स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के दायरे में घर-बारी परिस्थितियों और समस्याओं के बीच बुनी गयी हैं। दरअसल जीवन के तमाम ऊँच-नीच और दबावों-तनावों के साथ अपने जीवन्त पात्रों के संघर्ष और आक्रोश को रश्मि कुमार ने अपनी इन कहानियों में बेबाकी के साथ प्रस्तुत किया है। अनोखे ढंग की सीधी-सहज कथा-शैली और समृद्ध कथानकों वाली ये कहानियाँ अपने पात्रों के अन्तर की आस्था और ईमानदारी को अभिव्यक्त करती हैं।
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