बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ - 'कन्या अपि एवं पालनीया शिक्षणीया अति यत्नतः—पुत्रियों का भी इसी तरह ख़ूब यत्न के साथ पालन और शिक्षण होना चाहिए। जैसे 30 वर्ष तक ब्रह्मचर्य-पालन के साथ पुत्रों की शिक्षा होनी चाहिए, वैसे ही पुत्रियों की भी शिक्षा होनी चाहिए। लेकिन तुम क्या कर रहे हो? क्या तुम अपने देश की महिलाओं की अवस्था सुधार सकते हो? तभी तुम्हारे कुशल की आशा की जा सकती है, नहीं तो तुम ऐसे ही पिछड़े पड़े रहोगे। ये रूप में लक्ष्मी और गुणों में सरस्वती हैं ये साक्षात् जगदम्बा हैं, इनकी पूजा करने से सर्वसिद्धि मिल सकती है।'—स्वामी विवेकानन्द
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