अहिरन -
प्रतिष्ठित असमिया लेखिका डॉ. इन्दिरा गोस्वामी के लघु उपन्यास अहिरन का हिन्दी अनुवाद है। अनुवाद किया है डॉ. बुद्धदेव चटर्जी ने। छत्तीसगढ़ में बहने वाली अहिरन नदी पर निर्माणाधीन बाँध से सम्बन्धित इस उपन्यास का कथानक जीवन और जगत के महत्त्वपूर्ण चित्रों में रोशनी भरता है। इस रोशनी में मज़दूरों और इंजीनियरों का मानवीय पक्ष भी चमक उठता है।
बाँध के निर्माण-कार्य में व्यस्त श्रमिकों की प्रकट दुनिया का एक वास्तविक ब्यौरा तो यह उपन्यास प्रस्तुत करता ही है, इनके अदृश्य संसार के अलौकिक रसायनों को भी विश्लेषित करता है। ज़ाहिर है उपन्यास का कथानक परिवेशगत पर्यावरण और मनुष्य के मनोविज्ञान के बीच आवाजाही करता है।
लेखिका ने जिस दक्षता से अहिरन नदी के प्राकृतिक सौन्दर्य को चित्रित किया है उससे भी अधिक सम्प्रेषणीय तरीके से मानव-श्श्रम का सौन्दर्य यहाँ स्थापित हुआ है।
व्यापक फलक को समेटे हुए इस उपन्यास की कथा-संवेदना स्त्री-पुरुष सम्बन्ध की कई गाँठों को वैचारिक उत्तेजना से खोलती है। मानवीय पक्षधरता इस उपन्यास का वास्तविक पाठ है। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखिका का एक रोचक उपन्यास ।
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