सतह से उठता आदमी - भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित 'चाँद का मुँह टेढ़ा है', 'एक साहित्यिक की डायरी', 'काठ का सपना' तथा 'विपात्र' के बाद गजानन माधव मुक्तिबोध की यह एक और विशिष्ट कृति है—'सतह से उठता आदमी'। इस संग्रह में मुक्तिबोध की नौ कहानियाँ संकलित हैं। श्री शमशेर बहादुर सिंह के शब्दों में 'मुक्तिबोध के साहित्य में हमारे संस्कारों को सँवारने और उन्हें ऊँचा उठाने की बड़ी शक्ति है। वह हम मध्यवर्गीय पाठकों की दृष्टि साफ़ करता है, समझ बढ़ाता है। इन कहानियों में भी हमें अपने जीवन के विविध पक्षों का अति निकट का परिचय एवं विश्लेषण मिलता है, और मिलती है सामाजिक सम्बन्धों की पैनी परख। एक के बाद एक परदे हटते जाते हैं और यथार्थ उघड़कर सामने आता जाता है।...' प्रस्तुत है मुक्तिबोध की इस महत्त्वपूर्ण कृति का यह नया संस्करण।
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