Bazme Zindagi Range Shairi

Paperback
Urdu
9788126330591
16th
2022
232
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बज़्मे ज़िन्दगी : रंगे शायरी - पचास वर्ष से अधिक की फ़िराक़ की काव्य-यात्रा से चुने हुए रत्नों के इस संकलन 'बज़्मे-ज़िन्दगी: रंगे शायरी' के बारे में स्वयं फ़िराक़ साहब ने कहा था : 'जिसने इसे पढ़ लिया, उसने मेरी शायरी का हीरा पा लिया।' इस संकलन में वे ग़ज़लें हैं जिन्होंने फ़िराक़ को एक ओर मीर और ग़ालिब का समकक्ष और दूसरी ओर ग़ज़ल के रंग और परिवेश को नया रूप देनेवाला क्रान्तिकारी कवि बनाया; वे रुबाइयाँ हैं जिन्होंने एक नारी के रूप और सौन्दर्य की भारतीय छवियों को तथा जीवन दर्शन के सर्वोच्च शिखरों का स्पर्श करनेवाले चिन्तन को मार्मिक अभिव्यक्ति दी और वे नज़्में हैं जो नवजागरण के शंखनाद के साथ-साथ फ़िराक़ के जीवन अनुभवों और व्यापक दृष्टिकोण की दर्पण हैं। इस अनूठे संग्रह का नये रूप और साज-सज्जा में प्रकाशित यह पेपरबैक संस्करण शायरी के सुधी पाठकों को समर्पित है।

डॉ. जाफ़र रज़ा (Dr. Jafar Raza)

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फ़िराक़ गोरखपुरी (Firaq Gorakhpuri)

फ़िराक़ गोरखपुरी (1896 - 1982) 1896 : अगस्त 28, गोरखपुर में जन्म।1913 : स्कूल लीविंग परीक्षा में उत्तीर्ण।1915 : एफ़.ए.। म्योर सेंट्रल कालेज, इलाहाबाद से।1917 : जून 18 : पिता मुंशी गोरखप्रसाद 'इबरत' का देहान्त। बी.ए. मे

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