Zindagi Aur Gulab Ke Phool

Hardbound
Hindi
9788126320813
11th
2011
112
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ज़िन्दगी और गुलाब के फूल - कहानी के क्षेत्र में आज भी एक से बढ़कर एक नशीले से और उलझावदार प्रयोग चल रहे हैं। कभी-कभी तो पाठक सोचने तक लगता है कि कहानी के नाम जो उसे मिलता है वह कहाँ तक कहानी है और कहाँ तक कला। ऐसे परिवेश में 'ज़िन्दगी और गुलाब के फूल' संग्रह की कहानियाँ सवेरे की ताज़ी हवा का झोंका-सा लगेंगी। प्रख्यात हिन्दी कहानीकार उषा प्रियंवदा की ये कहानियाँ पाठक को न केवल शैली-शिल्प के गोरखधन्धों से मुक्त रखती हैं बल्कि विचार-भावनाओं के अस्वाभाविक और अस्वास्थ्यकर उन्मादों से भी बचा ले जाती हैं।—और विशेष बात यह कि फिर भी ये कहानियाँ सभी अर्थों में जीवन्त हैं, बिल्कुल आज की हैं, आज के मन और आज के जीवन की हैं। प्रस्तुत है 'ज़िन्दगी और गुलाब के फूल' का नया संस्करण।

उषा प्रियंवदा (Usha Priyamvada)

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