वक्ररेखाओं में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता - किसी व्यक्ति के यथार्थ चित्र में व्यंग्यात्मक दृष्टि से विरूपन करना केरिकेचर की अद्भुत परम्परा कहलाती है और निर्मिश ठाकर केरिकेचर की दुनिया के अनूठे और पारंगत सर्जक हैं। उन्होंने लेखकों और कलाकारों के केरिकेचर बनाने में दक्षता हासिल की है। सूक्ष्म ढंग से किरदार की तहों में उतरकर व्यक्तित्व के अलक्षित आयामों को कला रूप में उद्घाटित करना उनके भीतर के कलाकार का लक्ष्य है। निर्मिश ठाकर के बनाये केरिकेचर सहज हास्यबोध और आनन्द की सन्तुष्टि को सृजित करते हैं। यह पुस्तक इस अर्थ में इसलिए महत्वपूर्ण और अनोखी है कि ज्ञानपीठ सम्मान प्राप्त लेखकों के केरिकेचर अपने आप में इस तरह का एक सुन्दर प्रयास है। निर्मिश चरित्रों में एक अन्य भाषा देखते, समझते और बरतते हैं। शायद वे अपने किरदारों के लिए एक व्यंग्यात्मक दृष्टि धारण करते हैं। वे एक रचनाकार में उनके व्यक्तित्व के किसी ख़ास आयाम पर एकाग्र होकर उसका सम्यक विस्तार अपने केरिकेचर में करते है। निर्मिश के केरिकेचर इस तथ्य का उत्तम उदाहरण हैं कि उन्होंने ज्ञानपीठ पुरस्कृत लेखकों को एक विचारात्मक लेकिन मासूमियत भरे व्यंग्य के साथ एक अलग छवि प्रदान की है जिसे पाठक हमेशा अपनी स्मृति में बसा सकेंगे।
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