त्रिवेणी - राजस्थानी और हिन्दी के शीर्षस्थ कथाकार विजयदान देथा (बिज्जी) की तीन उपन्यासिकाओं 'तीडाराव', 'इस्टूखाँ' और 'भगवान की मौत' के नायकों का अपूर्व संगम है—त्रिवेणी। बिज्जी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे लोककथा की आत्मा को जीवित रखते हुए कहानी या उपन्यास के माध्यम से कथानक का सृजन इस तरह करते हैं कि बुद्धिजीवी ही नहीं, आम पाठक भी उसका आनन्द उठा सकता है। लोक कथाओं को आधुनिकता देने की विलक्षण प्रतिभा बिज्जी के पास है। इन तीन कथाओं का विन्यास उन्होंने अत्यन्त कुशलता से किया है कि वे तीन कथानक भी हैं और व्यक्तित्व के तीन रूप भी। ये अत्यन्त रोचक और मार्मिक कहानियाँ हैं जो बिज्जी की कलात्मक तूलिका से विविध रंग रूप लेती हैं। इतना ही नहीं, ये ऐसी कहानियाँ हैं जो बिना बोझिल हुए जीवन के लिए रोचक ढंग से अनुपम शिक्षा देती हैं। आशा है, विजयदान देथा की यह मार्मिक, सुन्दर लोककथा-त्रयी 'त्रिवेणी' हिन्दी के सुहृदय पाठकों को आकर्षित करेगी।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review