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Radha Madhav Rang Rangi

Hardbound
Hindi
9788126340163
5th
2012
176
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₹200.00

राधा माधव रंग रँगी - महाकवि जयदेव की कालजयी काव्यकृति 'गीतगोविन्द' भारत के सर्जनात्मक इतिहास की ऐसी महत्त्वपूर्ण घटना है जो निरन्तर प्रत्यक्ष अनुभव की जाती रही है; और आगे भी की जाती रहेगी। 'गीतगोविन्द' को देखने-सुनने और समझने की भी एक अविच्छिन्न परम्परा रही है, और यह परम्परा ही उसे एक जीवनरस सृष्टि के रूप में परसे हुए है। इसी परम्परा में एक और नयी कड़ी है यह पुस्तक—'राधा माधव रंग रँगी'। 'राधा माधव रंग रँगी' मूर्द्धन्य साहित्यकार और चिन्तक पं. विद्यानिवास मिश्र द्वारा की गयी 'गीतगोविन्द' की सरस व्याख्या है। विभिन्न भाषाओं में हुई 'गीतगोविन्द' की टीकाओं और व्याख्याओं के बीच यह व्याख्या निस्सन्देह अद्भुत है, अद्वितीय है। इसमें जिस सूक्ष्मता से 'गीतगोविन्द' का विवेचन हुआ है, वह विलक्षण तो है ही, भावविभोर और मुग्ध कर लेनेवाला भी है। दरअसल डॉ. विद्यानिवास मिश्र ने जयदेव की इस कृति को जिस स्तर पर जाना-पहचाना है, वह राधा और कृष्ण के स्वरूप पर अनोखा प्रकाश डालता है। पण्डित जी ने अपनी लालित्यपूर्ण सशक्त अभिव्यक्ति द्वारा इस काव्यकृति को नये अर्थ और नयी भंगिमाएँ दी हैं। कहना न होगा कि उनके शब्द 'गीतगोविन्द' के सार को जिस ढंग से पहचानते हैं, वह जयदेव की अप्रतिम काव्यात्मक अनुभूति के साथ ही स्वयं पण्डित जी की गहरी चेतना का भी साक्षी है। साहित्य के सुधी अध्येताओं के लिए एक ऐसी अनूठी पुस्तक जिसे पढ़ना एक प्रीतिकर उपलब्धि होगी।...

विद्यानिवास मिश्र (Vidyaniwas Mishra)

जन्म : 01 अक्टूबर, 1948, गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय सहित विभिन्न महाविद्यालयों में आठ वर्षों का अध्यापन अनुभव । भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त। सचिव, विद्याश्री न्यास एवं अज्ञेय भारतीय

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