हिन्दी के निर्माता - आधुनिक हिन्दी के निर्माताओं और उन्नायकों का संक्षिप्त मूल्यांकन है 'हिन्दी के निर्माता'। ये सर्जक, मनीषी, भाषाकर्मी अपने समय में हिन्दी का स्वाभिमान बने। हिन्दी भाषा और साहित्य की समृद्धि में इनका अवदान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण रहा है। इनमें से कई ने खड़ी बोली के विकास में हिन्दी और नागरी लिपि के अस्तित्व की लड़ाई लड़ी, और हिन्दी भाषा तथा साहित्य को तद्युगीन अराजकता से उबारकर एक निश्चित दिशा दी। यह पुस्तक ऐसे ही संघर्षशील व्यक्तित्वों के अवदान को रेखांकित करती है। 'हिन्दी के निर्माता' में केवल हिन्दी की सृजनशीलता के प्रतिनिधि रचनाकार ही नहीं, बल्कि हिन्दी में नवोदय लाने वाले ऐसे लेखक भी हैं जिन्होंने साहित्य और उसकी चेतना को नयी सक्रियता दी है। यहाँ ऐसे विशिष्ट रचनाकार भी हैं, जिन्होंने हिन्दीतर-भाषी होते हुए भी, लेखन के विविध धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महान साहित्य उपलब्ध कराया; ऐसे पत्रकार भी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्परा के बीच हिन्दी की जीवन्त और प्रखर पत्रकारिता का इतिहास रचा। आधुनिक हिन्दी के सौ दिवंगत साधकों का यह सारगर्भित विवेचन उनके जन्म-वर्ष क्रम से किया गया है। इससे हिन्दी भाषा के स्वरूप और संवर्धन में उनके विशिष्ट योगदान को भी सहज में आँका जा सकेगा। हिन्दी साहित्य-प्रेमियों के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण भेंट।
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