Your payment has failed. Please check your payment details and try again.
Ebook Subscription Purchase successfully!
Ebook Subscription Purchase successfully!
गुड़िया का घर - उर्दू की प्रतिष्ठित उपन्यासकार जीलानी बानो के चार लघु उपन्यासों (जीलानी बानो ने इन्हें लघु उपन्यास ही कहा है) का संग्रह है 'गुड़िया का घर'। इनमें अपने समय और आसपास के मुस्लिम समाज और जीवन को देखने-दिखाने की कोशिश है। दरअसल इन उपन्यासों में अतीत के स्मृति चित्रों के आइने में वर्तमान की पड़ताल और भविष्य के सपने हैं। जीलानी बानो की आस्था मानवीयतापरक है। वे शायद यह मानती हैं कि मानवीय पीड़ा, दायित्व चेतना और मुक्ति की भावना मनुष्य की उस आन्तरिकता को उभार सकती है जिसमें आज के व्यक्ति और समाज की सही तस्वीर उजागर होती है। और उनकी यह सोच उनके इन लघु उपन्यासों में भी मुखर है। कह सकते हैं कि उनके लेखन में सब से बड़ी चिन्ता भी जीवन के श्रेष्ठ मूल्यों की रक्षा और अपसंस्कृति के संकट से मनुष्य को बचाये रखने की है। इन उपन्यासों का सरोकार उन सभी चीज़ों से है जो तमाम विकृतियों के पार ख़ूबसूरत मुलम्मों से परे दिखाई पड़ती हैं और जो मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने का काम करती हैं। जीलानी बानो इन उपन्यासों के ज़रिये अँधेरी भूल-भुलैयों में हवा, धूप, ख़ुशबू और खुले आकाश की तलाश करती हैं......
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review