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Ghalib

Paperback
Hindi
9788126330553
5th
2018
394
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₹250.00

ग़ालिब - पूछते हैं वो कि ग़ालिब कौन है कोई बतलाओ कि हम बतलाएँ क्या? किसी के लिए भी ग़ालिब का व्यक्तित्व और कृतित्व समझ लेना, समझा देना आसाँ नहीं है। यौवन की तरंगों का यह रंगीन शाइर बाहर से जितना मोहक है, भीतर से उतना ही जटिल और विविध भी। ग़ालिब का काव्य लोक सामुद्रिक संसार की तरह उलझा, विचित्र और ख़ूबसूरत है— कहीं भावनाएँ शीशे की तरह पारदर्शी और कहीं कल्पनाएँ आँख पर उठ आयी जल की उथल परतों की तरह पवित्र एवं पाठक को डबडबा देनेवाली। ग़ालिब के बारे में सबसे क़ीमती बात निःसंकोच यह कही जा सकती है कि वो अपने जीवन दर्शन में आधुनिक और अधुनातन ख़ूबियाँ समाविष्ट किये हुए हैं और इसीलिए आज भी महान हैं, आज भी पहले से अधिक लोकप्रिय। रामनाथ सुमन ने प्रस्तुत ग्रन्थ में बस किया क्या है कि बहुत अधिक लोकप्रिय इस महाकवि की रहस्य में छुपी ऊँचाइयों को अपनी पैनी प्रतिभा से पूरी तौर पर अफ़शाँ कर दिया है— बचा शायद बहुत कम होगा, पाठक स्वयं देखेंगे। प्रस्तुत है 'ग़ालिब' का यह नया संस्करण।

रामनाथ 'सुमन' (Ramnath 'Suman' )

रामनाथ 'सुमन' भाषाएँ : हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, उर्दू, बांग्ला, गुजराती और प्राचीन फ्रेंच ।प्रमुख रचनाएँ : अंग्रेज़ी : फोर्सेज़ ऐंड पर्सनेलिटीज़ इन ब्रिटिश पॉलिटिक्स, ब्लीडिंग ढूंड।अनुवाद

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