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Ghaban

Paperback
Hindi
9789326351287
4th
2019
228
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₹120.00

ग़बन - ग़बन प्रेमचन्द द्वारा रचित उपन्यास है। ‘निर्मला’ के बाद ‘ग़बन’ प्रेमचन्द का दूसरा यथार्थवादी उपन्यास है। कहना चाहिए कि यह उसके विकास की अगली कड़ी है। ग़बन का मूल विषय है—'महिलाओं के जीवन में उनके पति का प्रभाव'। ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। ग़बन में टूटते मूल्यों के अँधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इन्होंने समझौतापरस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति तथा पुलिस के चरित्र को बेबाकी से प्रस्तुत करते हुए कहानी को जीवन्त बना दिया गया है। इस उपन्यास में प्रेमचन्द ने नारी समस्या को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखकर देखा है और उसे तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन से जोड़कर देखा है। सामाजिक जीवन और कथा-साहित्य के लिए यह एक नयी दिशा की ओर संकेत करता है। यह उपन्यास जीवन के यथार्थ की पड़ताल अधिक गहराई से करता है और भ्रमों को तोड़ता है।

मुंशी प्रेमचन्द (Munshi Premchand)

मुंशी प्रेमचन्द हिंदी के आधुनिक कथा शिल्पी कहे जाने वाले उर्फ धनपतराय का जन्म लमही के एक सामान्य परिवार में 31 जुलाई 1880 को हुआ था । उनके पिता का नाम अजायब राय और मां का नाम आनंदी देवी था । उनकी कल

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