भारतीय कुम्भ पर्व - यूँ तो पूरा भारत अपनी-अपनी तरह से धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का केन्द्र रहा है, जिसमें भारतवासी प्राचीन काल से ही उत्तर से दक्षिण, दक्षिण से उत्तर, पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व के और धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों की यात्राएँ करते आये हैं। तीर्थ एकता एवं समरसता का सन्देश देते हैं। नदियाँ हमारी संस्कृति की प्राण हैं। सन्त हमारी सनातनी संस्कृति के आधार हैं। प्रयाग कुम्भ उसी संस्कृति के प्राण और आधार का महाकुम्भ है। यह विश्व का अद्भुत और विशाल पर्यटन स्थल हो गया है। उसका ही वर्णन 'भारतीय कुम्भ पर्व' नामक पुस्तक में दिया है।
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