Asahamati

Hardbound
Hindi
9789326351119
1st
2013
103
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असहमति - हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताई का अपना ढब और अपनी रवायत है। इनकी कविताएँ इस संज्ञाहीन रीढ़हीन समय में अपनी ख़ास शख़्सियत के साथ दरपेश होती हैं। यहाँ एक तरफ़ व्यतीत की वर्तमानता है, तो दूसरी तरफ़ भावी समय की भयावह अनुगूँजें भी। कई बार प्रतीत होता है कि हरीश चन्द्र पाण्डे चुप्पी के कवि हैं। शब्दों से ठसाठस भरे इस समय में हालाँकि चुप्पी भी एक प्रतिकार है, लेकिन हरीश के यहाँ यह चुप्पी रफ़्ता-रफ़्ता बोलती है। थम-थम कर, अर्थ की वज़न को थाम-थाम कर हरीश को पढ़ते हुए अक्सर शब्दों के बीच का अन्तराल (जिसका ख़ूबसूरत और सुदर्शन प्रयोग वे करते हैं) अपने ख़ालीपने में छल-छल भरा हुआ दिखता है। कविता के प्रदेश में नितान्त संग्रहणीय पुस्तक।—कुणाल सिंह

हरीश चन्द्र पाण्डे (Harish Chandra Pandey)

हरीश चन्द्र पाण्डे - जन्म: दिसम्बर 1952, उत्तराखण्ड के सदीगाँव में। शिक्षा: वाणिज्य में स्नातकोत्तर | प्रकाशित कृतियाँ: कविता— 'कुछ भी मिथ्या नहीं है', 'एक बुरुँश कहीं खिलता है', 'भूमिकाएँ ख़त्म नही

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