Aag Ka Rahasya

Paperback
Hindi
9789387409972
1st
2017
96
If You are Pathak Manch Member ?

सिर्फ़ जलती हैं

पिघलती क्यों नहीं हैं ये मोमबत्तियाँ ?

क्यों साइबेरिया पलता है उनके पेट में? 

और क्यों तनी मुट्ठियाँ खुल जाती हैं 

चतुर सौदागरों की पोटलियों जैसी ? मैंने देखा है, सुना है वह भ्रष्टाचार 

जहाँ हार जाता है हर एक विचार 

पूँजीवाद ! पूँजीवाद !! 

अटपटा ख़याल है कि किसको, कितना धिक्कार ? 

सब दर्ज़ी हैं, सब फर्ज़ हैं 

मिलते ही मौक़ा छप-छपाक गिरते हैं सब 

उठने के दिन को, दूर से ही करते हुए नमस्कार 

सबके सब कितने लाचार ?

टपकाते लार, चाटते अचार ? 

आराम- दक्ष के बन्द-कक्ष में सोचते ब्रह्माण्ड 

सिर्फ़ जलती हैं 

पिघलती क्यों नहीं हैं ये मोमबत्तियाँ ? 

क्यों जलते नहीं हैं हाय?

राजकुमार कुम्भज (Rajkumar Kumbhaj )

जन्म : 12 फ़रवरी 1947, मध्य प्रदेश स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं किसान परिवार छात्र जीवन में सक्रिय राजनीतिक भूमिका के कारण पुलिस-प्रशासन द्वारा लगातार त्रस्त बिहार 'प्रेस- विधेयक' 1982 के विरोध म

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