निर्मल वर्मा (1929-2005) भारतीय मनीषा की उस उज्ज्वल परम्परा के प्रतीक-पुरुष हैं, जिनके जीवन में कर्म, चिन्तन और आस्था के बीच कोई फाँक नहीं रह जाती। कला का मर्म जीवन का सत्य बन जाता है और आस्था की चुनौत
अलेक्सांद्र कुप्रीन (1870-1938) का जन्म रूस में एक मंझोले सरकारी अफ़सर पिता और एक भूतपूर्व अमीर घराने की शहज़ादी माँ के घर में हुआ। कुप्रीन पेशे से पायलट, यायावर और लेखक थे। उनका लेखन साधारण लोगों क