Zhang Yawen
चाङ यावन का जन्म 1914 में उत्तर पूर्वी चीन के ल्याओनिंग प्रान्त के काईयुआन क्षेत्र में एक सुदूर पहाड़ी इलाक़े में हुआ। उनका पालन-पोषण एक ऐसे ग्रामीण इलाक़े में हुआ जो बाकी दुनिया से अलग-थलग और कटा हुआ था, जहाँ भयानक सर्द मौसम की मार थी और ऊपर से थी भीषण गरीवी। ये हालात किसी सामान्य इन्सान की चक्की के दो पाटों के बीच पीसने के लिए काफ़ी थे लेकिन इन्हीं विषम परिस्थितियों में चाङ के भीतर जीने और कुछ कर गुज़रने की इच्छा एक ज्वाला की तरह उत्पन्न हुई जिसके आगे बर्फ के बड़े-बड़े पहाड़ों को भी मोम की तरह पिघलना पड़ा।
अभी तक चाङ क़रीब दस देशों की यात्रा कर चुकी हैं और क़रीबन 80 लाख शब्द उनके लेखन से निकलकर विभिन्न पुस्तकों का आकार ले चुके हैं। इसी क्रम में 'अ चाइनीज़ वुमन ऐट गेस्टापो गनप्वाइंट' चाङ द्वारा लिखित एक ऐसा उपन्यास है जिसमें चीनी मूल की वेल्जियाई महिला शियान शयलिंग की जिन्दगी को कहानी के मूल में रखा गया है। शियान ने जर्मन जनरल अलेक्सांद्र वान फाल्कनहोसेन की मदद से सौ से अधिक बेल्जियाई लोगों को नाज़ियों के चंगुल से बचाया था। इस किताब ने चाङ को चीन में काफ़ी लोकप्रियता दिलायी और शियान को बाद में 'चीन की महिला शिंडलर की उपाधि दी गयी।
मार्च 2002 में उनकी इस किताब पर इसी शीर्षक से सोलह ऐपिसोड की टेलीविज़न सीरीज़ भी बनायी गयी थी।
इस उपन्यास के अंग्रेज़ी संस्करण को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा एक खास मकसद के लिए चुना गया। उन्होंने वेल्जियम के महाराजा फिलिप को यह किताव उपहारस्वरूप भेंट की और इससे चाङ एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आ गयीं।
प्ले गेम्स विद डेविल : लेसंस फ़ॉर दी फ्यूचर्स, अ वुमन क्रासिंग दी रीवर ऑफ़ मैन और दी समंस ऑफ़ सेंचुरीज़ पास्ट भी उनकी उल्लेखनीय रचनाएँ हैं, जिनमें से कई पर टीवी सीरियल का भी निर्माण हो चुका है।