Zahara Rai
ज़हरा राय हिन्दी की कथाकार थीं। उनकी रचनाएँ 1957-77 के बीच 'कहानी', 'कल्पना', 'नयी कहानियाँ' 'सारिका' जैसी पत्रिकाओं में बराबर प्रकाशित हुई। बागबानी पर उनके लेख सिलसिलेवार 'धर्मयुग' में छपे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संगीत में एम.ए. किया। अव्यावसायिक तौर पर वह जीवनभर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार रहीं, जिन्होंने आफ़ताब-ए-मौसीकी उस्ताद फैयाज़ ख़ाँ और आचार्य बृहस्पति से भी शिक्षा ली। 1978 में उन्होंने बच्चों के लिए मुंशी प्रेमचन्द मेमोरियल स्कूल की स्थापना की और 1993 में अपनी मृत्यु तक स्कूल की प्रधानाचार्या रहीं।