Karel Chapek
कारेल चापेक -
कारेल चापेक का जन्म 1890 में एक छोटे-से औद्योगिक नगर ऊपीत्से में हुआ था। वह सर्वतोन्मुखी प्रतिभा के लेखक थे। उपन्यास, कहानी और नाटक लेखन के अलावा उन्होंने 'पर्सनल निबन्ध' और यात्रा संस्मरण जैसी विधाओं में भी अनेक दिलचस्प प्रयोग किये थे। विडम्बना यह है कि जिस उदारवादी परम्परा के मूल्यों में चापेक का इतना गहरा विश्वास था , उसी में युद्ध, फ़ासिस्म और घृणा के विस्फोटक तत्त्व विद्यमान होंगे, इसकी कल्पना उन्होंने किसी दुःस्वप्न में भी नहीं की थी। यातना और विकट अन्तर्द्वन्द्व के वर्षों में उन्होंने अपनी कई श्रेष्ठ कृतियों की रचना की थी। सैलामेन्डर्स के साथ युद्ध (उपन्यास), सफ़ेद बीमारी, माँ (नाटक) तथा अपने अन्तिम दिनों में लिखीं प्रतीकात्मक कथाएँ उनके इस मोहभंग की पीड़ा को व्यक्त करती हैं। द्वितीय विश्व युद्ध आरम्भ होने के कुछ दिन पहले 1939 में क्रिसमस के दिन चापेक की मृत्यु हुई। डॉक्टर उनकी बीमारी का कोई नाम नहीं बता सके। केवल इतना ही कह सके, 'उनकी आत्मा और बर्दाश्त नहीं कर सकी।"