Dr. Mayank Murari
डॉ. मयंकमुरारी - (चिन्तक एवं लेखक) - डॉ. मयंक मुरारी आधुनिक समय में भारतीय जीवन, धर्म और दर्शन विषय पर लिखते हैं। समाज, इतिहास, और लोकजीवन के अन्तर्निहित मूल्य और आध्यात्मिक पहलूओं पर विशेष चिन्तन करते हैं। अपने 25 सालों के सार्वजनिक जीवन में अख़बारों एवं पत्रिकाओं में अब तक 400 से अधिक आलेख और आधा दर्जन से अधिक किताबें लिख चुके हैं, जिनमें (1) मानववाद एवं राजव्यवस्था (2) राजनीति एवं प्रशासन (3) भारत : एक सनातन राष्ट्र (4) माई, एक जीवनी (5) झारखण्ड के अनजाने खेल, (6) झारखण्ड की लोक कथाएँ (7) लोक जीवन (पहचान, परम्परा और प्रतिमान) और (8) यात्रा बीच ठहरे क़दम (काव्य संग्रह) (9) पुरुषोश्रम की पदयात्रा (10) अच्छाई की खोज शामिल है। इनकी दो किताबें श्वेत वाराह कल्पे और अन्तर्यात्रा—असत से सत की ओर प्रकाशाधीन है। उन्होंने सस्टनेबल डेवलपमेंट एवं इंवायरमेंट, ग्रामीण विकास, प्रबन्धन, जनसंपर्क एवं पत्रकारिता के अलावा राजनीति शास्त्र में उच्च शिक्षा (स्नातक एवं स्नातकोत्तर) की डिग्री प्राप्त करने के बाद विकास के वैकल्पिक माध्यम पर पी.एचडी. किया। उनके कार्यों एवं योगदान के लिए झारखण्ड रत्न, हिन्दुस्तान टाइम्स समूह का कर्त्तव्य अवार्ड, आइएलओ की ओर से जनेवा में प्रकाशित जर्नल में सम्मान सन्देश, लायंस क्लब ऑफ़ राँची की ओर से समाज सेवा के लिए अवार्ड के अलावा कैम्ब्रिज इंस्टीच्यूट ऑफ़ टेक्निलॉजी एवं झारखण्ड सरकार तथा अन्य संस्थाओं के द्वारा कई सम्मान एवं पुरस्कार दिये गये हैं।