Usha Yadav
उषा यादव -
जन्म: कानपुर (उ.प्र.)।
शिक्षा: एम.ए. (इतिहास, हिन्दी), पीएच.डी., डी.लिट्.।
प्रकाशित साहित्य: कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, समीक्षा आदि हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं में बच्चों एवं बड़ों के लिए सौ से अधिक पुस्तकों का सृजन। कुछ प्रमुख उपन्यासों के नाम हैं—'कितने नीलकंठ', 'कथांतर', 'अमावस की रात', 'महालया', 'काहे री नलिनी', 'स्वांग', 'उसके हिस्से की धूप', 'सागर तट की वह सीप', 'अंजुरी भर चाँदनी', 'क्या नाम दूँ.. ऐ ज़िन्दगी' एवं 'अग्नि राग'।
कुछ विशेष पुरस्कार-सम्मान: उ.प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ का 'बाल साहित्य भारती' (1998), म.प्र. साहित्य अकादमी, भोपाल से उपन्यास 'काहे री नलिनी' पर अखिल भारतीय वीरसिंह देव सम्मान (2008), राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, दिल्ली से उपन्यास 'उसके हिस्से की धूप' (पांडुलिपि) पर 'महात्मा गाँधी द्विवार्षिक हिन्दी सृजनात्मक लेखन पुरस्कार योजना' के अन्तर्गत प्रथम पुरस्कार (वर्ष 2018), वर्ष 2021 में पद्मश्री सम्मान।
अन्य उपलब्धियाँ: अंग्रेज़ी तथा अनेक भारतीय भाषाओं में रचनाओं का अनुवाद। उषा यादव के साहित्य पर विभिन्न विश्वविद्यालयों से दस शोधार्थियों को पीएच.डी. उपाधि।