Santokh Singh Dhir Translated By Ghanshyam Ranjan

सन्तोख सिंह धीर - जन्म: 2 दिसम्बर, 1920 को बसी पठान, ज़िला फतेहगढ़ साहिब, पंजाब में। आरम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद समाज-सेवा में संलग्न। एतदर्थ दो बार जेल-यात्रा भी। प्रकाशन: 50 के आसपास पुस्तकें प्रकाशित। इनमें 13 कविता-संग्रह, 11 कहानी-संग्रह, 8 उपन्यास के अलावा यात्रावृत्त, पत्राचार, आत्मकथा, लेख, डायरी, लोकसाहित्य आदि विधाओं पर भी पुस्तकें। प्रमुख हैं : धरती मँगदी मोह वे, अग्ग दे पत्ते, काली बछ, संजीवनी, जदों असी आवाँगे (कविता-संग्रह); सवेर होण तक, साँझी कन्ध, शराद दा गलास, उषा भैण जी चुप्प सन, पक्खी, इक कुत्ता ते मैं (कहानी-संग्रह); यादगार, मैंनूँ इक सुफना आया, हिन्दोस्ताँ हमारा, नवां जन्म (उपन्यास); बृहस्पती (आत्म-जीवनी): कलीयाँ हवावाँ बिच्च (निबन्ध): पंजाब दीयाँ लोक कहाणीयाँ (लोक-साहित्य) और मेरीयाँ लेष्ट कहाणीयाँ। कुछेक कृतियाँ हिन्दी आदि अनेक भारतीय भाषाओं में अनूदित। कहानियों पर टेलीफ़िल्मों का निर्माण। पुरस्कार/सम्मान: भाषा विभाग पंजाब सरकार का शिरोमणि पंजाबी साहित्यकार सम्मान (1991), साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1996), सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार (1980), इंटरनेशनल पंजाबी लिटरेरी ट्रस्ट (कनाडा) का अन्तरराष्ट्रीय साहित्यशिरोमणि मनजीत यादगारी पुरस्कार (1983) आदि अनेक पुरस्कारों के अतिरिक्त फ़ेलो, पंजाबी यूनिवर्सिटो पटियाला तथा एमेरिटस लाइफ़ फ़ेलो, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर।

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